यहां पर स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए हैं, जो विभिन्न परीक्षाओं में आए हैं और जिनके आने की पूर्ण संभावना है। आप लोग ध्यान से पढ़िए निश्चित ही आने वाली परीक्षा में आपको इससे बहुत मदद मिलेगी।
1857 का सैनिक विद्रोह मंगल पांडे ने बैरकपुर से प्रारंभ किया था ।
1857 में हुए विद्रोह में सबसे पहले मंगल पांडे ने अपना बलिदान दिया था ।
1857 के विद्रोह का नेतृत्व कानपुर में तात्या टोपे ने किया था ।
1857 के विद्रोह की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता हिंदू मुस्लिम एकता थी ।
1857 के विद्रोह का मुख्य कारण चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग था ।
1857 के विद्रोह का लखनऊ में नेतृत्व बेगम हजरत महल ने किया था ।
1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग था ।
रानी लक्ष्मीबाई का मूल नाम मणिकर्णिका था ।
बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व नेता कुंवर सिंह ने किया था ।
1857 के आंदोलन की असफलता का मुख्य कारण केंद्रीय संगठन की कमी तथा पूर्व योजना का ना होना था ।
1857 के विद्रोह को जेम्स आउट्रम व डब्लू टेलर ने षड्यंत्र की संज्ञा दी थी ।
लॉर्ड कैनिंग ने इलाहाबाद को आपातकालीन मुख्यालय बनाया था ।
गडकारी विद्रोह का मुख्य केंद्र कोल्हापुर था ।
इतिहासकार वी डी सावरकर ने 1857 के विद्रोह को स्वतंत्रता की पहली लड़ाई कहा था ।
1857 के विद्रोह की असफलता के बाद बहादुर शाह द्वितीय द्वितीय को रंगून नामक स्थान पर निर्वासित किया गया ।
महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता से प्रभावित होकर ब्रिटिश अधिकारी ह्यूरोज ने कहा कि “भारतीय क्रांतिकारियों में यह अकेली मर्द है” ।
1857 की क्रांति का चिन्ह “कमल व चपाती” निश्चित किया गया था ।
कार्ल मार्क्स ने कहा कि 1857 ईसवी का विद्रोह “ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय जनता की क्रांति है” ।
8 अप्रैल सन 1857 को मंगल पांडे को फांसी दी गई थी ।
सन्यासी विद्रोह का उल्लेख आनंदमठ उपन्यास में मिलता है ।
1857 के विद्रोह में दिल्ली में इसका नेतृत्व बहादुर शाह जफर ने किया था ।
तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग था ।
भारतीय सुधार समिति की स्थापना 1857 में दादा भाई नौरोजी ने की थी ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना सन 1885 ईस्वी में ए ओ ह्यूम द्वारा की गई थी ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे ।
इंडियन एसोसिएशन की स्थापना सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने की थी ।
कांग्रेसी नेता दादा भाई नौरोजी को भारत का महान वृद्ध व्यक्ति कहा जाता है ।
भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904 में लार्ड कर्जन के काल में पारित हुआ था ।
भारतीय सिविल सेवा में चुने जाने वाले प्रथम भारतीय सत्येंद्र नाथ टैगोर थे ।
दादा भाई नौरोजी पहली बार भारतीय ब्रिटिश संसद के लिए निर्वाचित हुए थे ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम बैठक मुंबई में हुई थी ।
भारतीय संघ के संस्थापक सुरेंद्रनाथ बनर्जी थे ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम बैठक में कुल 72 लोगों ने भाग लिया था ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1905 में हुए बनारस अधिवेशन के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोखले थे ।
बंगाल का विभाजन 1905 ई. में वायसराय लॉर्डकर्जन ने किया था ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम मुस्लिम प्रेसिडेंट बदरुद्दीन तायब्जी थे ।
ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस का चुनाव सर्वप्रथम दादा भाई नौरोजी ने लड़ा था ।
ए नेशन इन मेकिंग नामक पुस्तक सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने लिखी थी ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष डॉक्टर एनी बेसेंट थी ।
गदर पार्टी के संस्थापक नेता लाला हरदयाल थे ।
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है मैं उसे लेकर रहूंगा, बाल गंगाधर तिलक ने कहा था ।
मार्ले मिंटो सुधार 1909 में हुआ था ।
भारत में मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 ई. में हुई थी ।