History of india Part-9 प्राचीन भारत – गुप्तोत्तर काल rrb ntpc ssc bank
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प्राचीन भारत – गुप्तोत्तर काल
यहां पर गुप्तोत्तर काल से संबंधित प्रश्न दिए गए हैं जो परीक्षा की दृष्टि से से बहुत ही महत्वपूर्ण है। RRB NTPC SSC
- पुष्यभूति वंश की स्थापना पुष्यभूति वर्धन ने की थी ।
- पुष्यभूति वंश का सबसे प्रतापी राजा हर्षवर्धन था ।
- हर्षवर्धन का राज दरबारी दरबारी कवि बाणभट्ट था ।
- चीनी यात्री ह्वेनसांग, हर्षवर्धन के समकालीन था।
- हर्षवर्धन को द्वितीय अशोक भी कहा जाता है ।
- अंतिम बौद्ध राजा हर्षवर्धन था जो संस्कृत का महान विद्वान था ।
- हर्षचरित नामक पुस्तक बाणभट्ट के द्वारा लिखी गई है ।
- हर्षवर्धन ने रत्नावली नामक पुस्तक लिखी थी ।
- हर्षवर्धन और पुलकेशिन द्वितीय के मध्य संघर्ष की जानकारी ऐलोह अभिलेख से प्राप्त होती है ।
- हर्ष ने अपनी राजधानी थानेश्वर से कन्नौज स्थानांतरित की थी ।
- हर्षवर्धन को सकलोत्तरापथनाथ कहा गया है।
- बंगाल का शासक शशांक, हर्ष के समकालीन था ।
- गुप्त वंश के पश्चात उत्तर भारत के बड़े भाग का पुनर्गठन हर्षवर्धन ने किया ।
- हर्ष के शासनकाल में उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण शहर कन्नौज था ।
- हर्षवर्धन अपनी धार्मिक सभा का आयोजन प्रयाग में करता था ।
- हर्षवर्धन की राजधानी थानेश्वर थी जो वर्तमान में हरियाणा में स्थित है ।
- ह्वेनसांग की भारत यात्रा के समय सूती कपड़ों के उत्पादन के लिए सबसे प्रसिद्ध नगर मथुरा था ।
- कुंभ मेले का शुभारंभ है हर्षवर्धन ने किया था।
- हर्षवर्धन ने नालंदा विश्वविद्यालय के लिए 100 ग्राम की आय दान के रूप में दी थी ।
- पुष्यभूति काल में राज्य की आय का मुख्य साधन भूमिकर था।
- हर्षवर्धन के समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति शीलभद्र था ।
- मधुबन व बाँसखेड़ा अभिलेखों में हर्षवर्धन को परमेश्वर कहा गया है ।
- राजतरंगिणी पुस्तक को कश्मीर का इतिहास कहते हैं ।
- राज तरंगिणी नामक ग्रंथ कल्हण ने लिखा था ।
- कार्कोट वंश की स्थापना दुर्लभवर्धन ने की थी ।
- अवंतीनगर नामक नगर अवंतीवर्मन ने बसाया था ।
- कार्कोट वंश के बाद उत्पल वंश का उदय हुआ था ।
- सर्वप्रथम हर्षवर्धन ने कन्नौज में बौद्ध सभा का आयोजन 643 ईस्वी में किया था ।
- हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात कन्नौज पर यशोवर्मन का शासन हुआ ।
- ह्वेनसांग की रचना का नाम सी-यू-की है।
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